विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार किसानों के बीच जाकर उनसे बात कर रहे हैं. 15 दिवसीय इस अभियान की शुरुआत 29 मई को ओडिशा से हुई थी. अभियान के तहत शिवराज सिंह अब तक ओडिशा, जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के किसानों से संवाद चुके हैं. बुधवार को उन्होंने दिल्ली के किसानों से बात की. इसके बाद गुरुवार को गुजरात के किसानों से मिलेंगे.

दिल्ली में किसानों से संवाद करते हुए कृषि मंत्री ने नकली कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कानून बनाने का ऐलान किया. इसमें कड़ी सजा का प्रावधान होगा. उन्होंने कहा कि अभी तक नकली दवा मामले में जो लोग पकड़े जाते थे वो जुर्माना देकर छूट जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जो किसानों के साथ धोखा करेगा, उसे कड़ी सजा मिलेगी. नकली बीज, नकली खाद और नकली दवाइयों के खिलाफ हम कड़ा कानून ला रहे हैं. मेरे तो रोम-रोम में किसान और हर सांस में खेती है.

दिल्ली के बाहरी इलाके स्थित तिगीपुर गांव में किसानों से चौपाल पर संवाद में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की हर कृषि योजना का लाभ दिल्ली के किसानों को भी मिलेगा. अब खेती-बाड़ी की योजनाएं बंद कमरों में नहीं बल्कि खेतों में बनेंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम दिल्ली के किसानों की तकदीर व तस्वीर बदलेंगे.

शिवराज सिंह चौहान की किसानों से बात

शिवराज सिंह चौहान ने ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन देखा, जिसमें कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव की आधुनिक विधियों को पेश किया गया. उन्होंने वैज्ञानिकों से तकनीक की लागत, प्रभावशीलता और अनुकूलन के बारे में जानकारी ली. नर्सरी भी गए और अन्य किसानों से चर्चा करते हुए उनकी खेती-बाड़ी से जुड़ी बातें जानीं.

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत अब तक एक करोड़ से अधिक किसानों के बीच हमारी टीमें पहुंची हैं. यह अभियान अभी जारी है. एक तरफ हम किसानों को वैज्ञानिक अनुसंधान, आधुनिक खेती और टेक्नोलॉजी की जानकारी दे रहे हैं. दूसरी तरफ किसानों को किस चीज की जरूरत है, उनसे जो इनपुट हमें मिल रहा है, उसके आधार पर हम रिसर्च की दिशा भी तय करेंगे.

2170 वैज्ञानिकों की टीमें गांव में उतरीं

उन्होंने कहा कि पहली बार 2170 वैज्ञानिकों की टीमें गांव में उतरीं, किसान के बीच गईं और बात की. ये अपने आप में बड़ी बात है. कृषि मंत्री सिर्फ मंत्रालय में बैठा रहे तो सही स्थिति का आकलन नहीं हो सकता. इसलिए हम ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के माध्यम से खेतों में, किसानों के बीच पहुंच रहे हैं. जब खेत में किसान से बात होती है, तब असली जरूरतें सामने आती हैं. इन्हीं जरूरतों के आधार पर न केवल रिसर्च की दिशा तय होगी. योजनाएं भी उसी के अनुसार तैयार की जाएंगी.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैं तो गांव में पैदा हुआ हूं. मैं किसान का बेटा ही नहीं खुद भी किसान हूं. मैं भी खेती करता हूं. मेरा मानना है कि औपचारिकता नहीं बल्कि किसानों से सीधे बात करनी चाहिए. किसानों की सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है. खेतों में जाए बिना किसानों का भला नहीं हो सकता है. हम लोगों ने तय किया है कि किसानों का भला करना है. हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं.

अभी हम और भी बहुत सारे काम कर रहे हैं

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ के लिए विकसित खेती और किसान समृद्ध होने चाहिए. बिना विकसित खेती के विकसित भारत नहीं बन सकता. आलू-टमाटर कोई कारखाने में नहीं बना सकता. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकसित खेती का अभियान चल रहा है. आज वैज्ञानिकों ने कई फसलों की किस्में विकसित की हैं. अभी हम और भी बहुत सारे काम कर रहे हैं. कई तरह के बीजों पर भी काम कर रहे हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि धान की एक ऐसी किस्म विकसित हुई है जिसके लिए रोपण की जरूरत नहीं है. इससे मजदूरी और पानी बचेगा. हमें उत्पादन बढ़ाना है और लागत कम करनी है. किसानों को उत्पादन का सही दाम मिले और खेती का विविधीकरण हो. दिल्ली के आसपास अलग-अलग तरह की खेती हो रही है. इस क्षेत्र में फलों की भी खूब डिमांड है.

दिल्ली के किसान कई योजनाओं से वंचित थे

कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि अब तक दिल्ली के किसान केंद्र सरकार की कई योजनाओं से वंचित थे लेकिन अब यह स्थिति बदलेगी. दिल्ली के किसान अब आत्मनिर्भर भारत के सपनों में पूरी भागीदारी निभाएंगे. केंद्र की हर कृषि योजना का लाभ अब दिल्ली के किसानों को मिलेगा. कई योजनाएं हैं जिनमें प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा), मूल्य समर्थन योजना, मूल्य घाटा भुगतान योजना, बाजार हस्तक्षेप योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व अन्य प्रावधान जिनमें अनुदान देना, पाली हाउस और ग्रीन हाउस बनाने के लिए केंद्र से सब्सिडी शामिल हैं, जिससे अब तक दिल्ली के किसान वंचित रहे हैं.

उन्होंने कहा कि परंपरागत कृषि विकास योजना, नए बाग लगाने के लिए योजना, पुराने बागों के जीर्णोद्धार के लिए योजना, नर्सरी के लिए योजना सब्सिडी की योजनाएं, कृषि उपकरणों पर सब्सिडी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ भी दिल्ली के किसानों तक नहीं पहुंच पाया है. अब ये सारी योजनाएं दिल्ली में लागू की जाएंगी. दिल्ली सरकार से इस संबंध में प्रस्ताव मांगा गया है. इलेक्ट्रॉनिक कांटे व खाद की खरीद के लिए भी मदद की जाएगी. किसान अपने खून-पसीने से देश के अन्न भंडार भर रहे हैं। अपने किसानों की उन्नति के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.