राजस्थान का अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग फ्रॉड? उठी CBI जांच की मांग

जयपुर/डूंगरपुर: राजस्थान में 1800 करोड़ रुपये की एक बड़े साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है। बांसवाड़ा-डूंगरपुर से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत ने इस घोटाले का खुलासा करते हुए राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) को पत्र लिखा है। उनका आरोप है कि 500 से अधिक आदिवासी छात्रों और उनके परिवार वालों के फर्जी बैंक खाते खोलकर यह ठगी अंजाम दी गई है।
बैंकों के कर्मचारी भी आरोपों के घेरे में
सांसद ने बताया कि इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के कर्मचारियों ने कॉलेजों में जाकर छात्रों और उनके परिजनों को पैन कार्ड, छात्रवृत्ति, शिक्षा ऋण और सरकारी योजनाओं का लालच देकर उनके आधार कार्ड, फोटो और हस्ताक्षर लिए और फर्जी बैंक खाते खोल दिए। इन खातों का इस्तेमाल अवैध ट्रांजेक्शन और मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया।
जब बैंक पहुंचे छात्र, तब खुली पोल
रोत ने बताया कि जब छात्र अपने खातों के ATM कार्ड लेने बैंक पहुंचे, तो तकनीकी कारणों का हवाला देकर उन्हें टाल दिया गया। बाद में पता चला कि इन खातों से अवैध लेनदेन हुआ है। छात्रों और उनके परिजनों ने जब इसकी शिकायत की तो मामला उजागर हुआ।
पीड़ित आदिवासी, कार्रवाई नहीं
MP रोत का दावा है कि सभी छात्र गरीब आदिवासी परिवारों से आते हैं और उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस असली अपराधियों को पकड़ने के बजाय पीड़ितों को ही परेशान कर रही है।
सीबीआई जांच की मांग
सांसद का कहना है कि यह मामला केवल डूंगरपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर और अन्य जिलों में भी इसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने पूरे नेटवर्क की सीबीआई या स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है और दोषियों को सख्त सजा देने की भी अपील की है।