राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित प्राचीन खोड़ा गणेश मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि जन आस्था और विश्वास का एक प्रमुख केंद्र भी है. यह मंदिर अपने चमत्कारी प्रभाव और विशेष मान्यताओं के लिए जाना जाता है. यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं और विश्वास के साथ पूजा-अर्चना करते हैं.

इस मंदिर की एक खास पहचान यहां मंदिर परिसर में स्थित बड़ और इमली के पेड़ से भी है जो कि लगभग 300 वर्षों से भी अधिक पुराना है.यह कोई साधारण वृक्ष नहीं है, बल्कि आस्था और विश्वास का प्रतीक बन चुका है. मान्यता है कि दोनों पेड़ों के मिले हुए तनों में 12 स्थानों पर भगवान गणेश की आकृति उभरती हुई दिखाई देती है, जिसे श्रद्धालु दिव्य चमत्कार मानते हैं.
पेड़ पर धागा बांधने से मन्नत होती है पूरी
कि मंदिर परिसर में 300 वर्षों से भी अधिक पुराना बड़ और इमली का पेड़ है, जिसका तना आपस में जुड़ा हुआ है. दोनों पेड़ों के आपस में मिले तनों में 12 जगह पर भगवान गणेश की आकृति के दर्शन होते हैं. यहां पर श्रद्धालु अपनी मन्नत का धागा बांधते हैं. पुजारी ने आगे बताया कि परिवार में किसी की शादी विवाह नहीं हो रहे हो तो यहां बड़ और इमली के पेड़ पर सच्चे मन से मनोकामना का धागा बांधने से शादी विवाह की मन्नत पूरी होती है. वहीं जब किसी श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है, तो वह यहां आकर कई प्रकार के आयोजन और भंडारा कराते हैं.

मन्नत पूरी होने पर भक्त करते हैं धार्मिक आयोजन
पुजारी पवन कुमार शर्मा आगे बताते हैं कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी मुरादें अवश्य पूरी होती है. अनेक लोगों ने इस स्थान पर आकर मन्नत का धागा बांधा और जब उनकी शादी या अन्य इच्छाएं पूरी हुई. मन्नत पूरी होने के बाद लोग इस पवित्र स्थल पर पहुंचते हैं और धन्यवाद स्वरूप भंडारा और अन्य धार्मिक आयोजन करते हैं.