सनातन धर्म में हर पर्व बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि को भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक रक्षाबंधन मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त को होगा. मान्यता के अनुसार, इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुख, समृद्धि और सुरक्षा की कामना के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं. राखी के त्यौहार को खास बनाने के लिए बहनें पहले से ही तैयारी करती हैं, जिसमें पूजा की थाली सजाना भी अहम होता है. सवाल है कि पूजा की थाली में किन-किन वस्तुओं को शामिल करें ताकि शुभ फल प्राप्त हो. जो बहनें पहली बार राखी बांधने जा रही हैं, उनके लिए ये जानना तो और भी जरूरी है.

हर चीज किसी न किसी का प्रतीक
कि रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के सौहार्द को दर्शाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में राखी बांधते हैं. इसके बदले में भाई अपने बहन को रक्षा के लिए वचन देता है. रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने से पहले बहनें खाली थाली को सजाती हैं, जिसमें कुमकुम, रोली, चावल, दीपक, मिठाई और नारियल रखना बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है. अगर आप अपने भाई की कलाई में राखी बांध रही हैं तो सबसे पहले थाली में कुमकुम या रोली जरूर होनी चाहिए. यह विजय और समृद्धि का प्रतीक है.

इसलिए उतारते हैं आरती

सनातन धर्म में कोई भी पूजा हो, उसमें कच्चे चावल जरूर होता है. ये सुभिता का प्रतीक होता है. भाई के मस्तिष्क पर अक्षत लगाना, रक्षाबंधन की पूजा का एक अंग है. बहनें राखी बांधने के बाद अपने भाई को मिठाई भी खिलाती हैं, यह भाई बहन के रिश्ते की मिठास को दर्शाता है. थाली में एक दीपक भी रखा जाता है. राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारी जाती है ताकि उसे बुरी नजर से बचाया जा सके. ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. रक्षाबंधन की थाली में नारियल को होना भी बेहद शुभ है. यह श्रीफल होता है,  जो माता लक्ष्मी का प्रतीक है. इसे रखने से भाई को तरक्की और समृद्धि प्राप्त होती है.