दिल्ली दंगों से जुड़े बड़ी साजिश के मामले में जेल में बंद आरोपी तस्लीम अहमद को बड़ी राहत मिली है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने तस्लीम को अपनी बीमार बेटी के इलाज के लिए 15 दिन के लिए अंतरिम जमानत दी है. दरअसल तस्लीम ने अपनी बीमार बेटी की देखभाल, उसके इलाज और अपने बेटे की आगे की शिक्षा के लिए पैसों का बंदोबस्त करने के लिए 15 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी.

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हाई कोर्ट तस्लीम की तरफ से दायर याचिका पर 30 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान तस्लीम की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने जांच एजेंसी से पूछा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों को पांच साल हो चुके हैं. इतने समय में जिरह नहीं हो सकी, आरोपितों को कब तक जेल में बंद रखा जा सकता है. कोर्ट ने आरोपित की तरफ से मुकदमे में देरी के आधार पर दलीलें दिए जाने के बाद यह सवाल पूछा था.

देरी के आधार पर कई लोगों को मिली जमानत

सुनवाई के दौरान कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने बताया था कि इस मामले में देरी के आधार पर कई आरोपियों को साल 2021 में जमानत मिल गई थी. इनमें आसिफ इकबाल तन्हा सह-आरोपी देवांगना कलिता और नताशा नरवाल शामिल थे. वकील ने कहा था कि 24 जून 2020 को तस्लीम अहमद को गिरफ्तार किया गया था. वो पिछले पांच साल से जेल में बंद हैं. उन्होंने कहा कि ट्रायल खत्म होने की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है. इस मामले में 700 गवाह हैं, लिहाजा उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.

ये लोग हैं आरोपी

तस्लीम अहमद, अब्दुल खालिद सैफी, शरजील इमाम, उमर खालिद, ताहिर हुसैन और अन्य के साथ, 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़ी बड़ी साजिश के मामले में आरोपी हैं. उन पर पूर्वोत्तर दिल्ली में भड़की हिंसा के सिलसिले में आतंकवाद विरोधी कानून, यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं .

22 फरवरी 2024 को निचली अदालत ने अहमद की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उन्होंने सह-आरोपी नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा के साथ समानता के आधार पर जमानत मांगी थी, जो कथित तौर पर उसी षड्यंत्र मामले का हिस्सा थे. नरवाल, कलिता और तन्हा ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के बाद 15 जून 2021 को दिल्ली हाई कोर्ट से नियमित जमानत मिली थी.

53 लोगों की हुई थी मौत

दंगों के पीछे बड़ी साजिश रचने में कथित भूमिका के लिए कार्यकर्ता शरजील इमाम, उमर खालिद, खालिद सैफी और पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन सहित लगभग 20 व्यक्तियों पर आरोप लगाए गए हैं. दिल्ली दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.