जयपुर, 28 जुलाई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय और बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अंत्योदय के विचारों को समाहित करते हुए आशान्वित जिला और आशान्वित ब्लॉक कार्यक्रम की शुरूआत की। इससे अंतिम पायदान के व्यक्ति को राहत प्रदान की जा रही है और विकसित भारत-विकसित राजस्थान के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समावेशन को संस्थागत रूप देने और सुशासन को कार्यसंस्कृति का सबसे प्रमुख हिस्सा बनाने पर प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। 

 

शर्मा सोमवार को एचसीएम रीपा में राज्य स्तरीय संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में क्षेत्रीय विषमताएं दूर कर पिछड़े जिलों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए जनवरी 2018 में आशान्वित जिला कार्यक्रम प्रारंभ किया था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित जिलों में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन व कौशल विकास तथा बुनियादी ढांचे जैसे पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बारां, जैसलमेर, धौलपुर, करौली और सिरोही जिलों को इसमें सम्मिलित किया गया। वहीं वर्ष 2023 में प्रारम्भ हुए आशान्वित ब्लॉक कार्यक्रम में राजस्थान के 27 ब्लॉकों को भी शामिल किया गया।

 

नागरिकों का सामाजिक समावेशन हो रहा सुनिश्चित-

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जिलों और ब्लॉक्स ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित विभिन्न मानकों पर अच्छी प्रगति की है। ये कार्यक्रम जिला और ब्लॉक्स को समग्र विकास की प्रक्रिया में ला रहे हैं। इससे नागरिकों की आर्थिक समृद्धि और उनका सामाजिक समावेशन सुनिश्चित हो रहा है। शर्मा ने कहा कि इन कार्यक्रमों के तहत देशभर में सुशासन, समावेशी विकास और अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जुलाई से सितंबर 2024 तक संपूर्णता अभियान चलाया गया, जिसे अभूतपूर्व सफलता मिली है। 

 

गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना से विकास को मिल रही गति-

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछड़े जिलों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रारंभ किए हैं। गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना के अंतर्गत राज्य के प्रत्येक जिले से एक ब्लॉक का चयन किया गया है। प्रदेशभर में कुल 41 आकांक्षी ब्लॉकों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, कृषि एवं संबद्ध सेवाएं, आधारभूत संरचना, कौशल विकास एवं सामाजिक विकास जैसे क्षेत्रों में नवाचारों को बढ़ावा देकर उन्हें विकसित ब्लॉकों की श्रेणी में लाने का संकल्प लिया गया है।

 

राज्य सरकार की योजनाओं के केन्द्र में अंत्योदय-

मुख्यमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना, बाबा साहेब अंबेडकर आदर्श ग्राम विकास योजना, गोविंद गुरु जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना और पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं और कार्यक्रम समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और उनका सामाजिक और आर्थिक उत्थान करते हुए अंत्योदय के संकल्प को साकार कर रहे हैं। 

 

सतत् विकास का प्रमुख आधार बनेगा विजन डॉक्यूमेंट- 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक समृद्धि, सतत् विकास तथा समावेशी प्रगति को केंद्र में रखते हुए राज्य सरकार ‘विकसित राजस्थान/2047’ विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस डॉक्यूमेंट में भविष्य की जनसंख्या के अनुरूप दीर्घकालीन योजनाओं को समाहित किया जा रहा है। यह विकसित राजस्थान-2047 के संकल्प को सिद्धि तक लेकर जाएगा।

 

‘हरियालो राजस्थान’ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम-

 

शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के एक पेड़ मां के नाम अभियान से प्रेरणा लेते हुए राज्य सरकार ने हरियालो राजस्थान महाअभियान की पहल की है। यह पहल जनसहभागिता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के साथ भावनात्मक जुड़ाव पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाली तीज के पावन पर्व पर प्रदेशभर में ढ़ाई करोड़ पौधारोपण कर रिकॉर्ड बनाया है। इस वर्ष राज्य सरकार ने 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

 

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सम्पूर्णता अभियान के अन्तर्गत नीति आयोग द्वारा स्थापित 6 प्रमुख संकेतकों की संतृप्ति में अच्छा प्रदर्शन करने वाले 5 जिलों एवं 23 ब्लॉकों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया। उन्होंने 6 प्रमुख संकेतकों की पूर्ण संतृप्ति वाले जिले करौली को स्वर्ण पदक तथा 4 प्रमुख संकेतकों की पूर्ण संतृप्ति वाले 4 जिलों बारां, धौलपुर, जैसलमेर एवं सिरोही को कांस्य पदक से सम्मानित किया। साथ ही आशान्वित ब्लॉक कार्यक्रम के अन्तर्गत 6 प्रमुख संकेतकों की पूर्ण संतृप्ति वाले 3 ब्लॉकों जायल (नागौर), रानी (पाली) और खैरवाड़ा (उदयपुर) को स्वर्ण पदक के साथ ही शेष ब्लॉकों को रजत, कांस्य एवं ताम्रपत्र श्रेणी में पुरस्कार वितरित किए गए। इस दौरान सात तत्कालीन जिला कलेक्टर्स को भी सम्मानित किया। 

 

कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुधांश पंत और नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव रोहित कुमार ने आकांक्षी जिला एवं ब्लॉक्स कार्यक्रमों की क्रियान्विति और इसके सकारात्मक प्रभाव तथा उपलब्धियों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। इस दौरान एचसीएम रीपा की महानिदेशक मती श्रेया गुहा और आयोजना विभाग में प्रमुख शासन सचिव भवानी सिंह देथा सहित संबंधित विभागों और जिलों के अधिकारीगण उपस्थित थे।