रायपुर :  राज्य बाल संरक्षण समिति की कार्यकारिणी एवं आमसभा की बैठक आज महानदी भवन, मंत्रालय में संपन्न हुई। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव एवं समिति की अध्यक्ष शम्मी आबिदी ने बाल संरक्षण और कल्याण के लिए समन्वित कार्ययोजना पर जोर दिया।

बैठक में विभिन्न विभागों के साथ व्यापक समन्वय कर मिशन वात्सल्य योजना और किशोर न्याय अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया। मिशन वात्सल्य के तहत प्रदेश में संचालित 112 बाल देखरेख संस्थाओं में 2099 बच्चे निवासरत हैं, इनमें से 1307 बच्चे नियमित स्कूलों में पढ़ रहे हैं, 48 बच्चे ओपन स्कूल के जरिए शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और 36 बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 1888 बच्चों के आधार कार्ड, 1198 के बैंक खाते और 1042 के स्मार्ट कार्ड बनाए गए हैं।

सचिव ने इन बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और कौशल प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 में 108 बच्चों को दत्तक ग्रहण के जरिए परिवार मिला, 1433 बच्चों को स्पांसरशिप योजना का लाभ मिला और 108 बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत सहायता प्रदान की गई। बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत इस वर्ष अब तक 337 बाल विवाह रोके गए। चाईल्ड हेल्पलाइन 1098, महिला हेल्पलाइन 181 और आपात सेवा 112 के एकीकरण पर चर्चा हुई, साथ ही इनके प्रचार-प्रसार के लिए निर्देश दिए गए। समिति ने मिशन वात्सल्य के तहत प्रशिक्षण, प्रचार-प्रसार और 2023-24 के ऑडिट कार्ययोजना को मंजूरी दी। राज्य की बाल संरक्षण नीति का ड्राफ्ट तैयार करने की प्रगति भी साझा की गई।

बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक पदुम सिंह एल्मा, स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव फरिहा आलम तथा गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, वित्त विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, रेलवे एवं एनआईसी के प्रतिनिधि शामिल हुए।